सबसे गर्म आग किस रंग की होती है? : जानें आग के रंगों का सच!

सबसे गर्म आग किस रंग की होती है? : आग का रंग सिर्फ उसकी खूबसूरती नहीं बताता। यह उसकी गर्मी का भी संकेत होता है। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि लाल रंग सबसे गर्म होता है। लेकिन असलियत इससे काफी अलग है।
इसलिए आज के इस आर्टिकल में हमलोग विस्तार से ये जानेंगे की सबसे गर्म आग किस रंग की होती है, और क्यों होती हैं, इसके पीछे के विज्ञानं को भी समझने की कोशिस करेंगे। इसलिए बने रहे हमारे साथ अंत तक।
आग कैसे जलती है?
जब किसी चीज़ में ऑक्सीजन के साथ तेज़ रासायनिक प्रतिक्रिया होती है, तब आग पैदा होती है। यह प्रक्रिया दहन (Combustion) कहलाती है। इस दौरान ऊर्जा निकलती है, जो गर्मी और रोशनी के रूप में दिखती है।
आग के रंग क्यों बदलते हैं?

हर आग का रंग उसकी तापमान पर निर्भर करता है। तापमान जितना अधिक होगा, रंग उतना अलग और चमकीला होगा। इसके अलावा, आग किस पदार्थ से जल रही है, यह भी असर डालता है।
उदाहरण के लिए;
- लकड़ी से जलने वाली आग का रंग अक्सर पीला या नारंगी होता है।
- गैस से जलने वाली आग नीली होती है।
- कुछ रसायन डालने पर आग हरी या बैंगनी भी हो सकती है।
आज के कौन-कौन से रंग होते हैं?
अब आइए, आग के अलग-अलग रंगों और उनके तापमान को समझते हैं;
लाल रंग की आग
- तापमान : लगभग 600°c से 800°c
- यह सबसे सामान्य और कम ताप वाली आग होती है।
- लकड़ी या कोयले की धीमी आग अक्सर लाल रंग की दिखती है।
नारंगी और पीली आग

- तापमान : 1000°c तक
- यह घरों के गैस चूल्हों या मोमबत्तियों में दिखती है।
- इसमें अधजली गैसें भी होती हैं, जो आग को पीला बनाती हैं।
नीली आग
- तापमान : 1400°c से ज्यादा
- यह साफ और पूरी तरह जलती आग होती है।
- एलपीजी गैस, एथेनॉल या अल्कोहल से जलने वाली आग नीली होती है।
- यह लाल या पीली आग से कहीं ज़्यादा गर्म होती है।
सफेद आग
- तापमान : लगभग 1600°c से भी ऊपर
- यह आग पूरी ऊर्जा के साथ जलती है।
- यह औद्योगिक या वैज्ञानिक प्रयोगों में देखने को मिलती है।
सबसे गर्म आग किस रंग की होती है?

अब सवाल आता है की सबसे गर्म आग किस रंग की होती है?, तो मैं आपके जानकारी के लिए बता दूँ की सबसे गर्म आग सफ़ेद और नीला रंग की होती है।
- सफेद आग सबसे गर्म होती है।
- नीली आग सफेद से थोड़ी कम गर्म लेकिन काफी ऊर्जा वाली होती है।
- लाल और पीली आग, इनमें सबसे ठंडी होती हैं।
विज्ञान की नज़र से
जब कोई पदार्थ जलता है, तो वह अलग-अलग तरंगदैर्ध्य की रोशनी उत्सर्जित करता है। तापमान जितना ज्यादा होता है, तरंगें उतनी छोटी होती हैं, और रंग नीले या सफेद होते हैं।
यही कारण है कि सूर्य की सतह का रंग भी पीला या सफेद होता है। सूर्य की सतह का तापमान भी लगभग 5500°c होता है, इसलिए उसका रंग सफेद की ओर झुका होता है।
नीली आग कहाँ देखी जाती है?

- एलपीजी गैस स्टोव में
- ब्लो टॉर्च में
- एथेनॉल या अल्कोहल को जलाने पर
- प्रयोगशाला के बर्नर में (जैसे बन्सन बर्नर)
इन सभी में आप नीली या सफेद आग देख सकते हैं। यह आग तेज़ और पूरी तरह जलती हुई होती है।
लाल आग क्यों आम है?
लाल या नारंगी आग हमें अधिकतर इसलिए दिखती है क्योंकि;
- यह कम तापमान पर जलती है।
- ज्यादातर ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला, पेपर आदि लाल रंग की आग बनाते हैं।
- ये ईंधन अधजले रहते हैं, जिससे आग कम गर्म होती है।
क्या आग का रंग बदल सकते हैं?

हाँ, आग का रंग बदला जा सकता है। यदि आप आग में अलग-अलग रसायन डालें, तो रंग बदलते हैं;
- कॉपर क्लोराइड – हरा रंग
- पोटेशियम – बैंगनी
- स्ट्रॉन्शियम – लाल
- सोडियम – पीला
ये रंग वैज्ञानिक प्रयोगों में काम आते हैं, जैसे आतिशबाज़ी में।
आग से जुड़ी कुछ बेहतरीन रोचक तथ्य
- सूरज की सतह का तापमान 5500°c है, इसलिए उसका रंग सफेद होता है।
- ब्लो टॉर्च की आग 2000°c तक पहुंच सकती है।
- नीली आग सबसे तेज़ी से चीज़ों को पिघला सकती है।
- सफेद आग इतनी गर्म होती है कि वह धातुओं को भी मिनटों में पिघला देती है।
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निष्कर्ष
आग सिर्फ रोशनी या गर्मी देने वाली चीज़ नहीं है, बल्कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काफी रोचक है। उसका रंग इस बात का संकेत होता है कि वह कितनी गर्म है। लाल और नारंगी रंग की आग कम तापमान की होती है, जबकि नीली और सफेद आग कहीं ज़्यादा गर्म होती है।
सबसे गर्म आग का रंग सफेद होता है, जो लगभग 1600°c या उससे अधिक तापमान पर जलती है। नीली आग भी बेहद गर्म होती है और पूरी तरह से जल रही होती है।
अगली बार जब आप किसी आग को देखें, तो उसके रंग से उसकी ताकत और तापमान का अंदाज़ा ज़रूर लगाएं। आग का रंग सिर्फ खूबसूरती नहीं, एक विज्ञान है — जो बिना बोले बहुत कुछ कहती है।