जानिए बिजासन माता किसकी कुलदेवी है? : क्या हैं परंपरा और पूजन विधि?

बिजासन माता किसकी कुलदेवी है? : भारत में बहुत से ऐसे पुरातन मंदिर हैं, जो अपनी प्रसिद्ध प्रचलित मान्यताओं के चलते चर्चा का विषय बन जाते हैं। ऐसे ही मध्य प्रदेश में सांची-विदिशा मार्ग पर स्थित देवी बाग के मंदिर में मां बिजासन देवी भी विराजमान हैं।
इस मंदिर को ले कर यह मान्यता है की जो भी भक्त बिसाजन देवी के मंदिर (bijasan mata kiski kuldevi hai) में आ कर दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरण होती है और मनोकामना पूरण होने पर भक्त माता का धन्यवाद करने के लिए मंदिर में पीतल का घंटा अर्पित करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते ही कि बिजासन माता किसकी कुलदेवी है? आइये जानते हैं इस विषय के बारे में।
बिसाजन माता हैं आस्था का प्रतीक
बिसाजन माता को बिसजन माता भी कहा जाता है, वही बिसाजन माता को कई जगहों पर बिसजण देवी भी कहा जाता है।बिसाजन देवी को राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के कई हिस्सों में पूजा जाता है। इन्हें शक्ति का सवरूप माना जाता है और बहुत से प्राचीन मंदिरों में इनकी मूर्ति भी स्थापित है।
मुख्य रूप से राजपूत, ब्राह्मण, यादव, गुर्जर, जाट और कई क्षत्रिय व ओबीसी जातियां इनकी पूजा करते हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में बिसजन माता को अलग-अलग कुलों और गोत्रों की कुलदेवी माना जाता है।
बिजासन माता किसकी कुलदेवी है? (Whose Kuldevi Is Bisajan Mata?)

1. राजपूत समुदाय
राजस्थान के कई राजपूत वंशज बिसजन माता को अपनी कुलदेवी मानते हैं। खासकर चौहान, राठौड़, सिसोदिया जैसे वंशों के कुछ उपवर्गों में इनकी विशेष पूजा होती है। विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों में पहले कुलदेवी का पूजन किया जाता है।
2. गुर्जर जाति
गुर्जर समुदाय के कुछ उपवर्ग बिसजन माता को अपनी कुलदेवी मानते हैं। उनका मानना है कि बिसजन माता उनके वंश की रक्षा करती हैं और उन्हें समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
3. यादव और जाट समुदाय
उत्तर भारत में खासकर हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के यादव और जाट समुदायों में भी बिसजन माता को कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। इन क्षेत्रों में इनके मंदिर भी स्थापित हैं।
4. ब्राह्मण और ओबीसी जातियां
कुछ ब्राह्मण गोत्रों और अन्य पिछड़ी जातियों में भी बिसजन माता को कुलदेवी का स्थान प्राप्त है। हालांकि यह स्थान विशेष और पारिवारिक परंपरा पर निर्भर करता है।
बिजासन माता का मंदिर और उनकी कथा (Bisajan Mata Temple And Her Story)

वैसे तो बिसाजन माता के कई सारे पुरातन मंदिर हैं, लेकिन राजस्थान के नागौर जिले में माता बिसाजन का एक ऐसा मंदिर स्तिथ है जो अत्यंत प्राचीन है और हर साल इस मंदिर में हज़ारो शर्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।
बिजासन माता मंदिर का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है। यहां देवी के नौ स्वरूप विद्यमान हैं। किसी जमाने में आसपास काले हिरणों का जंगल होने और तंत्र-मंत्र, सिद्धि के लिए इस मंदिर की खास पहचान रही है। पूर्व में माता चबूतरे पर विराजित थीं। मंदिर का निर्माण इंदौर के महाराजा शिवाजीराव होलकर ने 1760 में कराया था।
बिजासन माता की पूजा कैसे होती है? (How Is Bisjan Mata Worshipped?)
- बिसजन माता की पूजा विशेषकर नवरात्रि के समय बड़े उत्साह से की जाती है।
- पूजा में नारियल, चुनरी, फल, फूल, दीपक और धूप अर्पित किए जाते हैं।
- महिलाएं व्रत रखती हैं और माता के मंदिर जाकर पूजा करती हैं।
- कुछ परिवारों में साल में एक बार कुलदेवी पूजन कर प्रसाद वितरण की परंपरा होती है।
- शादी से पहले वर-वधु दोनों अपने-अपने कुलदेवी की पूजा करते हैं।
बिजासन माता से जुड़ी मान्यताएं (Beliefs Related To Bijasan Mata)
- देवी को शक्तिशाली माना जाता है, जो अपने भक्तों की हर परेशानी दूर करती हैं।
- माता की मूर्ति के सामने झूठ बोलना या कोई अपवित्र कार्य करना पाप माना जाता है।
- देवी के मंदिर में कुछ विशेष नियम होते हैं, जैसे सिर ढंककर जाना, बिना स्नान प्रवेश न करना आदि।
- कुछ परिवारों में बिसजन माता के नाम पर बच्चियों का नाम “बिसजन” या “बिसा” रखा जाता है।
निष्कर्ष
बिसजन माता एक सांस्कृतिक परंपरा की पहचान हैं। बिसजन माता केवल एक देवी नहीं हैं, वे भारतीय संस्कृति और पारिवारिक परंपरा की एक जीवंत कड़ी हैं। उनके प्रति श्रद्धा और विश्वास अनेक परिवारों को आपस में जोड़ता है। यह जानना कि बिसजन माता किसकी कुलदेवी हैं, हमें अपनी जड़ों की ओर लौटने का अवसर देता है।
अगर आपके परिवार में बिसजन माता को पूजा जाता है, तो यह गर्व की बात है कि आपके पास एक मजबूत सांस्कृतिक विरासत है। ऐसे देवी-देवताओं की पूजा और सम्मान हमें हमारी पहचान और परंपरा से जोड़ता है।
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बिजासन माता का मुख्य मंदिर कहां स्थित है?
राजस्थान के नागौर जिले में बिजासन माता का एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। हालांकि अन्य राज्यों में भी इनके छोटे मंदिर मिलते हैं।
क्या बिजासन माता सभी राजपूतों की कुलदेवी हैं?
नहीं, बिजासन माता केवल कुछ विशेष वंशों और उपवर्गों की कुलदेवी हैं। सभी राजपूतों की कुलदेवी अलग-अलग हो सकती हैं।
क्या एक ही देवी कई जातियों की कुलदेवी हो सकती हैं?
हां, भारत में ऐसा बहुत आम है कि एक ही देवी को अलग-अलग जातियों या गोत्रों में कुलदेवी माना जाता है।